000 | 03242 a2200193 4500 | ||
---|---|---|---|
005 | 20241125152224.0 | ||
008 | 241112b2020|||||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788173156984 | ||
041 | _aHindi | ||
082 | _a891.438 B43 | ||
100 |
_a Dadabhoi, Bakhtiar K. _94628 |
||
245 | _aYug Nirmata JRD Tata ( युग निर्माता जर्द टाटा ) | ||
260 |
_bPrabhat Prakashan Private Limited, _aNew Delhi: _c2020. |
||
300 | _a168p.;22cms. | ||
500 | _aकुशल पायलट, नवप्रवर्तक उद्यमी, संस्थान निर्माता, परमार्थी व महान् जन-प्रबंधक जे. आर.डी टाटा उन राष्ट्र- निर्माताओं में थे, जो आबाल-वृद्ध सभी के प्रेरणा-स्रोत रहे हैं । एक उद्योगपति के रूप में उनको टाटा उद्योग समूह को अंतरराष्ट्रीय ल पर लाने का श्रेय प्राप्त है । श्री टाटा विज्ञान व कलाओं के संरक्षक रहे । साहित्य, ललित-कलाओं, तेज रफ्तार जिसकावर्णनों, स्कीइंग एवं उड़ान में उनकी गहरी रुचि थी । उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, नेशनल सेंटर फॉर द परफार्मिग आर्ट्स एवं अन्य अनेक संस्थानों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । जे. आर.डी टाटा को जन-प्रेरक के रूप में सदा याद किया जाएगा । सही व्यक्ति को सही काम के लिए चुनने की उनमें विलक्षण क्षमता थी । किसी टीम को सुगठित करने, विभिन्न कर्मियों से सबसे अच्छे परिणाम हासिल करना उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी । वह जिजीविषा से परिपूर्ण थे और नवाचार व उद्यम की प्रेरणा देने में अत्यंतमुखर । अपने सभी कर्मियों को अगाध स्नेह करनेवाले, दूरदर्शी, युग -निर्माता जे. आर.डी टाटा के जीवन से प्रेरणा और शिक्षा देनेवाली उपयोगी पुस्तक । | ||
650 |
_aEek yug ka praramb _xJ.R.D. _94629 |
||
650 |
_aJ.R.D. aur theli ki mulakath _94630 |
||
942 | _cHN | ||
999 |
_c1352 _d1352 |