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041 _aHindi
082 _a891.434 B37
100 _aKumar, Basant
_eAuthor
_94541
245 _aDr. Ambedkar aur rashtravad (डॉ. आंबेडकर और राष्ट्रवाद)
260 _bSatsahitya Prakashan,
_aNew Delhi:
_c2023.
300 _a158p.;22cms.
500 _aभारत के संविधान निर्माता भारत रत्न डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर के विचारों को वामपंथियों एवं अल्पसंख्यक गठबंधन में शामिल लोगों ने सदैव तोड़-मरोड़कर पेश किया और देश में पाँच दशक से अधिक समय तक सत्ता में रही कांग्रेस ने निजी स्वार्थ के कारण बाबासाहब को सदैव दलितों एवं वंचितों के नेता के रूप में प्रस्तुत किया। मानो देश के विकास और उत्थान में उनका कोई योगदान ही न रहा हो। आज देश में दलित-मुसलिम गठजोड़ के बहाने ये अलगाववादी देश में अशांति फैलाना चाहते हैं। इन चीजों को भाँपते हुए डॉ. आंबेडकर ने सन् 1940 में देश के विभाजन की स्थिति में हिंदू एवं मुसलिम जनसंख्या के पूर्ण स्थानांतरण की बात की थी। उन्होंने देश को ऐसा संविधान दिया जो देश की अखंडता एवं एकता को आज भी सुरक्षित किए हुए है। उन्होंने संविधान में अनुच्छेद 370 का विरोध किया, पर नेहरू के मुसलिम-प्रेम के कारण इसे जोड़ा गया। नागरिकों के हितों की सुरक्षा हेतु संविधान में मूल आधारों की व्यवस्था की। अर्थशास्त्र के शोध छात्र के रूप में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व वित्त आयोग का प्रारूप दिया। देश के कानून मंत्री के रूप में हिंदू कोड बिल के माध्यम से महिलाओं को संपत्ति में उत्तराधिकार और उनके सशक्तीकरण का पथ प्रशस्त किया। बाबासाहब आंबेडकर के राष्ट्रवादी विचारों को लोगों तक पहुँचाने और राष्ट्र के विकास में उनके योगदान पर उत्कृष्ट कृति।
650 _aDhuradrust: Dr. Babhasaheb Ambedkar
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650 _aभारत के संविधान निर्माता
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650 _aAndhakargrasth samaaj ke liye amar jyothi
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