Amazon cover image
Image from Amazon.com

Ashok chakravijeta ( अशोक चक्राविजेता )

By: Shori, A. K [Author] | Rashmi [Co-Author]Language: Hindi Publication details: New Delhi: Prabhat Prakashan, 2018. Description: 246p.;22cmsISBN: 9789351869733Subject(s): Parakrami Bharath | Hamari yuv sakthiDDC classification: 891.434 S36
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode
Hindi Books Dr. S. R. Ranganathan Library
General Stacks
891.434 S36 (Browse shelf(Opens below)) Available 3435

भारत पराक्रमियों का देश है। प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान काल तक हमारे शूरवीरों की अनेक पराक्रम-गाथाएँ प्रचलित हैं। हमारा प्राचीन इतिहास पराक्रम की गाथाओं से भरा पड़ा है। देश पर जब-जब संकट की घटाएँ गहराईं, तब-तब युवा पराक्रम अपना शौर्य दिखाता नजर आया। भारतवर्ष अपने इन्हीं युवाओं के कारण सदैव से विश्व-पटल पर अनुकरणीय उदाहरण बनकर खड़ा रहा है। देश ने जब भी अपने युवाओं को पुकारा, वे देश पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने को दौड़े चले आए। युवा आज भी अपनी जान पर खेलकर राष्ट्र की एकता को अक्षुण्ण बनाए हुए हैं। 'अशोक चक्र' शांति के समय अभूतपूर्व वीरता के प्रदर्शन हेतु प्रदान किया जाता है। 27 जनवरी, 1967 को 'अशोक चक्र' नामित किया गया। पहले इसका नाम 'अशोक चक्र वर्ग 1' रखा गया था। यह भी गणतंत्र दिवस पर प्रतिष्ठित किया गया, किंतु 15 अगस्त, 1947 से ही मान्य हुआ। यह पुस्तक अशोक चक्र से विभूषित पराक्रमी वीरों-हुतात्माओं का पुण्य-स्मरण कराती है। हर भारतीय के लिए पठनीय पुस्तक, जो राष्ट्रभक्ति-राष्ट्रसेवा का महती भाव उत्पन्न करेगी।


Implemented and Maintained by Dr. S.R. Ranganathan Library.
For any Suggestions/Query Contact to library or Email: library@iipe.ac.in
Website/OPAC best viewed in Mozilla Browser in 1366X768 Resolution.

Powered by Koha