TY - GEN AU - Srinivas, V. TI - Antarrashtriya mudra kosh: (I.M.F) ke saath ke sambandh ke pariprekshy me 25 varsh 1991-2016 (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष) SN - 9789390366095 U1 - 891.437 S75 PY - 2020/// CY - New Delhi PB - Prabhat Prakashan Private Limited KW - I.M.F. sameeksha KW - Bharat ki aapathkalin vyavastha KW - Bharath KW - I.M.F. sambandh me vikaasmulak parivarthan N1 - भारत के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा भारत के आर्थिक इतिहास में महत्त्वपूर्ण पलों का व्यावहारिक विश्लेषण और भावी वैश्विक संकट के समाधान का निर्णय कर सकनेवाले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में बहुपक्षीयता का भविष्य। यह पुस्तक वी. श्रीनिवास भारत सरकार के विशिष्ट अपर सचिव, कार्यकारी निदेशक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पूर्व सलाहकार और भारत के वित्तमंत्री के निजी सचिव द्वारा 17 माह के शोध और साक्षात्कार के आधार पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ भारत के संबंधों की अनेक बड़ी घटनाओं का व्यापक विश्लेषण है। इसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के संस्थापक सदस्य के रूप में भारत की भूमिका का परिदृश्य है। यह भारत के 1966, 1981 और 1991 अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कार्यक्रमों, 2010 में आई.एम.एफ. से भारत द्वारा स्वर्ण क्रय, जी20 के उदय और विश्व में तीव्र गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उद्भव के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करती है। वी. श्रीनिवास ने अंतिम ऋणदाता के रूप में आई.एम.एफ. की भूमिका, सदस्य देशों के साथ निपटने में असीमित शक्ति की एक संस्था के रूप में आई.एम.एफ. 2008 के बाद वैश्विक वित्तीय संकट में आई.एम.एफ. की वृहत्तर भूमिका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा में चीन के उदय पर अंतर्दृष्टि प्रदान की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ भारत के संबंध के परिप्रेक्ष्य में पहले 25 वर्षों पर व्यापक शोध है, जिसके बारे में गहन अध्ययन और शोध करके समस्त जानकारियाँ संकलित की गई हैं, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ER -