Raghav

Tulsi dohawali (तुलसी दोहावली) - New Delhi: Granth Akademi, 2020. - 160p.;22cms.

हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ ‘रामचरितमानस’ के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास को उत्तर भारत के घर-घर में अकूत सम्मान प्राप्‍त है। राम की अनन्य भक्‍त‌ि ने उनका पूरा जीवन राममय कर दिया था। हालाँकि उनका आरंभिक जीवन बड़ा कष्‍टपूर्ण बीता, अल्पायु में माता के निधन ने उन्हें अनाथ कर दिया। उन्हें भिक्षाटन करके जीवन-यापन करना पड़ा। धीरे-धीरे वह भगवान् श्रीराम की भक्‍त‌ि की ओर आकृष्‍ट हुए। हनुमानजी की कृपा से उन्हें राम-लक्ष्मण के साक्षात् दर्शन का सौभाग्य प्राप्‍त हुआ। इसके बाद उन्होंने ‘रामचरितमानस’ की रचना आरंभ की।
‘रामलला नहछू’, ‘जानकीमंगल’, ‘पार्वती मंगल’, ‘कवितावली’, ‘गीतावली’, ‘विनयपत्रिका’, ‘कृष्‍ण गीतावली’, ‘सतसई दोहावली’, ‘हनुमान बाहुक’ आदि उनके प्रसिद्ध ग्रंथ हैं।यह पुस्तक उन्हीं तुलसी को समर्पित है, जो अपनी रचनाओं द्वारा हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमें सामाजिक व आध्यात्मिक रूप से श्रेष्‍ठ बनने की शिक्षा देते हैं।तुलसी की वाणी, उनकी रचनाएँ मन को छू लेनेवाली हैं; हमें मार्ग दिखानेवाली हैं। इनका संदेश हमारा पाथेय है।

9789381063170


Amar rambakth TulsiDas
Tulsi ka kavya--Samsar

891.431 R34