Parvarish karen to aise karen (परवरिश करें तो ऐसे करें)
Language: Hindi Publication details: New Delhi: Gyan Ganga, 2021. Description: 206p.;23cmsISBN: 9789387968707Subject(s): Bachcho par kuch thopiya nahi | Computer jarur dhijiye par najar rakhiyeDDC classification: 891.430 V44Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Books | Dr. S. R. Ranganathan Library General Stacks | 891.430 V44 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 3421 |
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891.430 S95-2 Bharat ke rajkiya prakartik pratik ( भारत के राजकीय प्राकृतिक प्रकार ) | 891.430 U83 Agni raag (अग्नि राग) | 891.430 V37 Kala aur sanskriti (कला और संस्कृति) | 891.430 V44 Parvarish karen to aise karen (परवरिश करें तो ऐसे करें) | 891.431 B46 Ravindra bharti: Ravindranath thakur ki shresta kavitaon ka anuvad (रविंद्र भारती: रवींद्रनाथ ठाकुर की स्रेस्ता कविताओं का अनुवाद) | 891.431 B46 Tyulipas ( टूलिप्स ) | 891.431 D55 Rashmirathi (रश्मिरथी ) |
आप पंछियों को रोज उड़ते देखते हैं न. आकाश में कबूतर, चील, बाज, गौरैया, फाख्ता, कौवा, कोयल, तोता, सारस—न जाने कितने पंछी उड़ते हैं। क्या कभी कबूतर ने अपने बच्चों से यह कहा कि तुम चील की तरह उड़ो या बगुले ने अपने बच्चों को बाज की कलाबाजी करने को कहा? क्या चील ने कहा कि सारस की तरह सीधी उड़ान भरो? आकाश तो सबके लिए है न? तो फिर सब पंछी एक जैसी उड़ान क्यों नहीं भरते? वजह—सबकी अपनी क्षमताएँ हैं। आकाश मिलने का मतलब यह नहीं कि सभी दूर गगन में निकल जाएँ। आप अभिभावक हैं तो आपको अपने बच्चों की क्षमता का अंदाजा होना चाहिए। उन पर अपने सपनों का आकाश मत थोपिए, बल्कि उनके सपनों को अपने विश्वास और साथ के पंख दीजिए। आप बच्चों का हौसला और मनोबल बढ़ाइए। उनकी कठिनाइयों को समझिए। दूसरे बच्चों से उनकी तुलना मत कीजिए। आप केवल यह प्रयास कीजिए कि आपके बच्चे गलत राह पर न जाएँ। गलती हो तो बताइए, डाँटिए नहीं, बल्कि भरोसा देते हुए प्यार से समझाइए। बच्चों के व्यवहार से उनके बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि आप उन्हें पूरा समय दें। केवल रुपए खर्च करके आप उनका जीवन नहीं बना सकते। रुपए बेशक कम दीजिए, मगर समय पूरा दीजिए। आपके बच्चे आपके प्यार और विश्वास के भूखे हैं। उन्हें एहसास कराइए कि कुछ भी हो, तुम्हारे पापा-मम्मा तुम्हारे साथ हैं। अपना भरोसा, प्यार, साथ और दोस्ती उन्हें भरपूर दीजिए। फिर देखिए, बच्चे कैसे खिल जाएँगे। परवरिश पर एक संपूर्ण व्यावहारिक पुस्तक।