Janiye manav adhikaron ko ( जानिए मानव अधिकारों को )
Bhasin, Anish
Janiye manav adhikaron ko ( जानिए मानव अधिकारों को ) - New Delhi: Granth Akademi, 2018. - 272p.;22cms.
मानवाधिकार ऐसे अधिकार हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को मानव होने के नाते प्राप्त होते हैं, भले ही उसकी राष्ट्रीयता, लिंग, वर्ग, जाति, व्यवसाय और सामाजिक व आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
मानवाधिकारों का संबंध मानव की स्वतंत्रता, समानता एवं गरिमा के साथ जीने के लिए स्थितियाँ उत्पन्न करने से है। मानवाधिकार ही समाज में ऐसा वातावरण उत्पन्न करते हैं, जिससे सभी व्यक्ति समानता के साथ, निर्भीकता और गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर पाते हैं।
मानवाधिकार विषय पर पिछले एक दशक में अनेक ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी इस विषय पर असंख्य लेख प्रकाशित हुए हैं; किंतु ‘मानवाधिकार’ विषय पर हिंदी में एक संपूर्ण पुस्तक का काफी समय से अभाव रहा है। अंततः इसी कमी को दूर करने हेतु प्रस्तुत पुस्तक ‘मानवाधिकार’ का सृजन किया गया है।
पुस्तक में महिलाओं, बालकों, अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों, विकलांगों, कैदियों, शरणार्थियों को प्राप्त मानवाधिकारों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत मानवाधिकार संस्थाओं का परिचय, कार्यक्षेत्र, रचनात्मक ढाँचा एवं अन्य संबंधित जानकारियाँ भी विस्तृत रूप से समाहित की गई हैं।
विश्वास है, यह पुस्तक मानवाधिकारों के संदर्भ में सामान्य जानकारी की इच्छा रखनेवाले पाठक से लेकर संबंधित क्षेत्र के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
9789381063163
Manavadhikar ki avadharan
Manavadhikar ka udham evam vikas
891.434 A53
Janiye manav adhikaron ko ( जानिए मानव अधिकारों को ) - New Delhi: Granth Akademi, 2018. - 272p.;22cms.
मानवाधिकार ऐसे अधिकार हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति को मानव होने के नाते प्राप्त होते हैं, भले ही उसकी राष्ट्रीयता, लिंग, वर्ग, जाति, व्यवसाय और सामाजिक व आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
मानवाधिकारों का संबंध मानव की स्वतंत्रता, समानता एवं गरिमा के साथ जीने के लिए स्थितियाँ उत्पन्न करने से है। मानवाधिकार ही समाज में ऐसा वातावरण उत्पन्न करते हैं, जिससे सभी व्यक्ति समानता के साथ, निर्भीकता और गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर पाते हैं।
मानवाधिकार विषय पर पिछले एक दशक में अनेक ग्रंथ प्रकाशित हुए हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में भी इस विषय पर असंख्य लेख प्रकाशित हुए हैं; किंतु ‘मानवाधिकार’ विषय पर हिंदी में एक संपूर्ण पुस्तक का काफी समय से अभाव रहा है। अंततः इसी कमी को दूर करने हेतु प्रस्तुत पुस्तक ‘मानवाधिकार’ का सृजन किया गया है।
पुस्तक में महिलाओं, बालकों, अल्पसंख्यकों, पिछड़े वर्गों, विकलांगों, कैदियों, शरणार्थियों को प्राप्त मानवाधिकारों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत मानवाधिकार संस्थाओं का परिचय, कार्यक्षेत्र, रचनात्मक ढाँचा एवं अन्य संबंधित जानकारियाँ भी विस्तृत रूप से समाहित की गई हैं।
विश्वास है, यह पुस्तक मानवाधिकारों के संदर्भ में सामान्य जानकारी की इच्छा रखनेवाले पाठक से लेकर संबंधित क्षेत्र के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
9789381063163
Manavadhikar ki avadharan
Manavadhikar ka udham evam vikas
891.434 A53